पटना हाईकोर्ट ने दिया निर्देश
पटना हाईकोर्ट कोर्ट ने राज्य सरकार को साफ तौर पर कहा कि राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट के स्वीकृत पदों पर नियुक्ति संविदा के आधार पर नहीं की जाएगी। न्यायधीश ज्योति शरण न्यायधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने विकास चंद्रपुर गुड्डू बाबा द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट के 1345 पदों पर नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग को सूचना भेजी थी।
फॉरेस्ट गार्ड के 902 पदो पर भर्ती जल्द
सामान प्रशासन विभाग ने इसे तकनीकी कर्मचारी चयन आयोग को भेज दिया है। लेकिन सभी नियुक्तियां संविदा पर की जाने वाली है। इस पर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग और समान प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव से हलफनामा दायर कर पूरी रिपोर्ट बताने को कहा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी बताने को कहा कि आखिर नियमित नियुक्ति में विभाग को क्या परेशानी है ।कोर्ट ने संविदा पदों की बहाली करने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी। इसी दिन दोनों प्रधान सचिवों को पूरी रिपोर्ट को बताने को कहा गया है । कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया 2 सप्ताह में शुरू किए जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि संविदा पर की जाने वाली नियुक्ति व नियमित नियुक्ति में क्या अंतर है। खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की पूरी जानकारी कोर्ट को बताने को कहा है । खंडपीठ में नियुक्ति के मामले में सरकारी नीति पर भी नाराजगी जाहिर की है।
पटना हाईकोर्ट कोर्ट ने राज्य सरकार को साफ तौर पर कहा कि राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट के स्वीकृत पदों पर नियुक्ति संविदा के आधार पर नहीं की जाएगी। न्यायधीश ज्योति शरण न्यायधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने विकास चंद्रपुर गुड्डू बाबा द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट के 1345 पदों पर नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग को सूचना भेजी थी।
फॉरेस्ट गार्ड के 902 पदो पर भर्ती जल्द
सामान प्रशासन विभाग ने इसे तकनीकी कर्मचारी चयन आयोग को भेज दिया है। लेकिन सभी नियुक्तियां संविदा पर की जाने वाली है। इस पर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग और समान प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव से हलफनामा दायर कर पूरी रिपोर्ट बताने को कहा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी बताने को कहा कि आखिर नियमित नियुक्ति में विभाग को क्या परेशानी है ।कोर्ट ने संविदा पदों की बहाली करने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी। इसी दिन दोनों प्रधान सचिवों को पूरी रिपोर्ट को बताने को कहा गया है । कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया 2 सप्ताह में शुरू किए जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि संविदा पर की जाने वाली नियुक्ति व नियमित नियुक्ति में क्या अंतर है। खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की पूरी जानकारी कोर्ट को बताने को कहा है । खंडपीठ में नियुक्ति के मामले में सरकारी नीति पर भी नाराजगी जाहिर की है।
Nice post
ReplyDelete