उत्तर-पूर्व भारत के कई राज्यों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ और भूस्खलन का प्रकोप बरक़रार है. पूरे क्षेत्र से लोगों को पानी से सुरक्षित बाहर निकालने की ख़बरें मिली हैं जबकि बाढ़ की वजह से बहुत से निवासी अभी भी फँसे हुए हैं और अलग-थलग पड़ गए हैं. 2,500 से ज़्यादा लोगों को बचाया जा चुका है.
असम में 27 लोगों सहित कुल मिलाकर कम से कम 39 लोग मारे जा चुके हैं और असम में 57 लाख से ज़्यादा लोगों पर बाढ़ का असर पड़ा है. 10 लाख से ज़्यादा लोगों को कहीं और ले जाया गया है. प्रभावित होने वाले राज्यों में शामिल हैं - असम, अरुणांचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मिज़ोरम, मेघालय, सिक्किम, और अन्य. 16 जुलाई, मंगलवार की ख़बरों के मुताबिक़, असम के 33 ज़िलों में से कम से कम 31 ज़िले प्रभावित हुए हैं और ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ आ गई है और इसका जल-स्तर अभी भी बढ़ रहा है. बरपेटा ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है. राज्य के 3,180 से ज़्यादा गाँवों में बाढ़ आ गई है और 10 लाख से ज़्यादा लोगों को 327 से ज़्यादा राहत शिविरों में ले जाया गया है. पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी ज़िले में तीस्ता नदी में एक मृत व्यक्ति पाया गया है, जबकि राज्य के तीन अन्य लोग लापता हैं. बाढ़ से राज्य के पाँच ज़िले प्रभावित हुए हैं: दार्जीलिंग, कालिंपोंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, और अलीपुरद्वार. जलपाईगुड़ी में मायानगरी से अधिकारी 500 निवासियों को बाहर निकालकर सुरक्षित जगह पर ले गए हैं. ख़बरों के मुताबिक़, अरुणांचल प्रदेश में छः लोगों की जान चली गई है और पहले की ख़बरों के मुताबिक़, कम से कम एक अन्य व्यक्ति लापता है. जारी मॉनसून बारिश की वजह से राज्य के कई ज़िलों में बाढ़ का प्रकोप बरकरार है. मिज़ोरम में, बाढ़ से पाँच लोगों की जान चली गई है, जिसमें कम से कम दो लोग ऐज़वाल और लुंगलेई से हैं. राज्य में कम से कम 390 घरों को नुकसान पहुंचा है. लुंगलेई में कम से कम 1,000 परिवार प्रभावित हुए हैं. बाढ़ की परिस्थितियाँ और इसकी वजह से पड़ने वाले व्यवधान के अभी और ज़्यादा गंभीर होने की संभावना है क्योंकि अगले कई दिनों तक इन राज्यों में बारिश के जारी रहने की आशंका है. इसके अलावा, भारत में बरसात का मौसम आम तौर पर जून से अक्टूबर तक होता है, इसलिए आने वाले महीनों में लगातार बारिश होने और बाढ़ आने की आशंका है. सावधानी बरतें और बाढ़ वाले इलाकों में जाने से बचें.
असम में 27 लोगों सहित कुल मिलाकर कम से कम 39 लोग मारे जा चुके हैं और असम में 57 लाख से ज़्यादा लोगों पर बाढ़ का असर पड़ा है. 10 लाख से ज़्यादा लोगों को कहीं और ले जाया गया है. प्रभावित होने वाले राज्यों में शामिल हैं - असम, अरुणांचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मिज़ोरम, मेघालय, सिक्किम, और अन्य. 16 जुलाई, मंगलवार की ख़बरों के मुताबिक़, असम के 33 ज़िलों में से कम से कम 31 ज़िले प्रभावित हुए हैं और ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ आ गई है और इसका जल-स्तर अभी भी बढ़ रहा है. बरपेटा ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है. राज्य के 3,180 से ज़्यादा गाँवों में बाढ़ आ गई है और 10 लाख से ज़्यादा लोगों को 327 से ज़्यादा राहत शिविरों में ले जाया गया है. पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी ज़िले में तीस्ता नदी में एक मृत व्यक्ति पाया गया है, जबकि राज्य के तीन अन्य लोग लापता हैं. बाढ़ से राज्य के पाँच ज़िले प्रभावित हुए हैं: दार्जीलिंग, कालिंपोंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, और अलीपुरद्वार. जलपाईगुड़ी में मायानगरी से अधिकारी 500 निवासियों को बाहर निकालकर सुरक्षित जगह पर ले गए हैं. ख़बरों के मुताबिक़, अरुणांचल प्रदेश में छः लोगों की जान चली गई है और पहले की ख़बरों के मुताबिक़, कम से कम एक अन्य व्यक्ति लापता है. जारी मॉनसून बारिश की वजह से राज्य के कई ज़िलों में बाढ़ का प्रकोप बरकरार है. मिज़ोरम में, बाढ़ से पाँच लोगों की जान चली गई है, जिसमें कम से कम दो लोग ऐज़वाल और लुंगलेई से हैं. राज्य में कम से कम 390 घरों को नुकसान पहुंचा है. लुंगलेई में कम से कम 1,000 परिवार प्रभावित हुए हैं. बाढ़ की परिस्थितियाँ और इसकी वजह से पड़ने वाले व्यवधान के अभी और ज़्यादा गंभीर होने की संभावना है क्योंकि अगले कई दिनों तक इन राज्यों में बारिश के जारी रहने की आशंका है. इसके अलावा, भारत में बरसात का मौसम आम तौर पर जून से अक्टूबर तक होता है, इसलिए आने वाले महीनों में लगातार बारिश होने और बाढ़ आने की आशंका है. सावधानी बरतें और बाढ़ वाले इलाकों में जाने से बचें.
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